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विश्व मृदा दिवस(World Soil Day 2022)

World Soil Day 2022 : आज ‘विश्व मृदा दिवस’ है। मिट्टी का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। मिट्टी का प्रयोग लक्षणा-व्यंजना में भी होता है। कबीरदास जी कह गए हैं ‘माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रोंदे मोय। एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौदूंगी तोय।।’ यहां तात्पर्य है कि हम सबकी देह मिट्टी से बनी है और एक दिन मिट्टी में मिल जानी है। हम मिट्टी से ही बने हैं और मिट्टी से ही पोषण और जीवन प्राप्त करते हैं। इसलिए हमारा दायित्व है कि हम इस माटी की रक्षा करें।

भोजन, कपड़े, आश्रय,दवा..ये प्रमुख चार चीजें हमें मिट्टी से मिलती हैं। इसीलिए इसे बचाना और संरक्षित करना जरुरी है। आज से करीब 45 साल पहले मिट्टी बचाओ आंदोलन की शुरुआत हुई थी। साल 2002 में अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने ये दिन मनाने की सिफारिश की थी। 2013 में एफएओ के सम्मेलन में इस दिन को मनाए जाने पर समर्थन दिया गया और 68वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस दिन को मनाने की घोषणा हुई। इसके बाद से हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम “मृदा, जहां भोजन शुरू होता है” है। ये इस बात पर जोर देता है कि मिट्टी में खनिज, जीव और जैविक घटक होते हैं। इसी से मनुष्य और जानवरों को अपना भोजन प्राप्त होता है। इसीलिए मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखना, सॉइल डिग्रडेशन को कम करना, मिट्टी के कटाव को रोकना, मिट्टी के पोषक तत्वों को बरकरार रखना, वनों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने, वृक्षारोपण बढ़ाने, ढाल के विपरीत खेतों की जुताई सहित ऐसी तमाम बातों पर जोर दिया जाता है, जिससे मिट्टी का संरक्षण हो सके।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी आज के दिन शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘स्वस्थ धरा से उत्तम अन्न मिलेगा। अन्नदाता के घरों में समृद्धि आयेगी और स्वस्थ भारत के निर्माण का सपना साकार होगा। आइये, अपनी धरा और इसकी उर्वरा शक्ति को बचाने व भावी पीढ़ियों को समृद्ध वसुंधरा प्रदान करने का संकल्प लें।’ मिट्टी से ही कृषि होती है, मिट्टी ही हमें भोजन और अन्य वस्तुएं प्रदान करती है। हम जिसे धरती मां कहते हैं..वो मिट्टी ही है जो जीवनदायी है। इसलिए हम सबका कर्तव्य है कि मिलकर मिट्टी को संरक्षित करने और बचाने का प्रयास करें।

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