Sale!

BHASHA SHIKSHAN : MAITHILI

274.00

एहि पोथीकेँ लिखबा काल पाठकवर्गपर पूर्ण भरोस रहल अछि। ई पोथी भाषा विज्ञानमे अनुप्रयुक्त भाषा विज्ञानक अंतर्गत भाषा शिक्षणपर कएल गेल काज छी। जे एक्के संगे मैथिलीमे शास्त्रीय पोथी पढ़निहार एकटा नीक वर्ग अछि हुनका लेल लाभप्रद हएत, दोसर दिस अध्यापक, अध्यापक प्रशिक्षक आ मैथिलीमे शिक्षण-प्रशिक्षण कएनिहार सभ विद्यार्थी आ प्रशिक्षककेँ ध्यानमे राखैत तैयार कएल गेल अछि। बीएड-एमएड आदि कोर्समे जे विद्यार्थी भाषा शिक्षण अंतर्गत मैथिली पढ़ताह हुनका लेल अतिआवश्यक अछि एक बेर ई पोथी देखनाइ। मैथिलीसँ शिक्षक पात्रताक जे लोकनि परीक्षा देथिन (CTET-STET) हुनको लेल ई एकटा जरूरी पोथी भ’ सकैत अछि। हमरा एहि काजक संदर्भमे आओरो लोकसभसँ संपर्क भेल। ओ सभ गोटए एकमत रहथि जे मैथिलीमे भाषा शिक्षणपर लिखल ई पहिल पोथी छी। तथापि हम एहि मतसँ पूर्णत: सहमत नहि छी। मैथिलीमे भाषा कक्षा-कक्षसँ, माध्यम भाषाक रूपमे विकसित जखन नहि कएल गेल। जखन मैथिली भाषा प्राथमिक शिक्षामे माध्यम भाषाक रूपमे विकसित नहि भेल अछि तखन भाषा शिक्षणपर कोनो गप्प कोना संभव हएत? दोसर मैथिलीमे सभ समयमे भाषा विज्ञान, सामाजिक भाषिकी, कोश विज्ञान आदिपर काज होइत रहल अछि। मैथिली जाहि रूपमे विकसित भेल अछि, सेहो कम प्रशंसनीय नहि। मैथिलीक महासागरमे एक घैल पानि सदृश काज, एकटा लुक्खी प्रयास एकरा बूझि रहल छी। तथापि पाठकपर जरूरतसँ बेसी भरोस अछि, वएह ब्रह्म छथि। एहि पोथीमे कुल अठारहटा अध्याय अछि। अठारहो अध्यायमे विविध उपशीर्षक अंतर्गत सभटा शिक्षाशास्त्रीय अवधारणा, प्रयोग आ उपागमकेँ अपना दिससँ खोलबाक प्रयत्न केलहुँ अछि। पूर्वहि कहल जे भाषा शिक्षणक ई पहिल पोथी मैथिलीमे लिखल गेल अछि, पहिल पोथीक जे सभ कमी होइत अछि से एहिमे सेहो भेल होएत।

Description

एहि पोथीकेँ लिखबा काल पाठकवर्गपर पूर्ण भरोस रहल अछि। ई पोथी भाषा विज्ञानमे अनुप्रयुक्त भाषा विज्ञानक अंतर्गत भाषा शिक्षणपर कएल गेल काज छी। जे एक्के संगे मैथिलीमे शास्त्रीय पोथी पढ़निहार एकटा नीक वर्ग अछि हुनका लेल लाभप्रद हएत, दोसर दिस अध्यापक, अध्यापक प्रशिक्षक आ मैथिलीमे शिक्षण-प्रशिक्षण कएनिहार सभ विद्यार्थी आ प्रशिक्षककेँ ध्यानमे राखैत तैयार कएल गेल अछि। बीएड-एमएड आदि कोर्समे जे विद्यार्थी भाषा शिक्षण अंतर्गत मैथिली पढ़ताह हुनका लेल अतिआवश्यक अछि एक बेर ई पोथी देखनाइ। मैथिलीसँ शिक्षक पात्रताक जे लोकनि परीक्षा देथिन (CTET-STET) हुनको लेल ई एकटा जरूरी पोथी भ’ सकैत अछि। हमरा एहि काजक संदर्भमे आओरो लोकसभसँ संपर्क भेल। ओ सभ गोटए एकमत रहथि जे मैथिलीमे भाषा शिक्षणपर लिखल ई पहिल पोथी छी। तथापि हम एहि मतसँ पूर्णत: सहमत नहि छी। मैथिलीमे भाषा कक्षा-कक्षसँ, माध्यम भाषाक रूपमे विकसित जखन नहि कएल गेल। जखन मैथिली भाषा प्राथमिक शिक्षामे माध्यम भाषाक रूपमे विकसित नहि भेल अछि तखन भाषा शिक्षणपर कोनो गप्प कोना संभव हएत? दोसर मैथिलीमे सभ समयमे भाषा विज्ञान, सामाजिक भाषिकी, कोश विज्ञान आदिपर काज होइत रहल अछि। मैथिली जाहि रूपमे विकसित भेल अछि, सेहो कम प्रशंसनीय नहि। मैथिलीक महासागरमे एक घैल पानि सदृश काज, एकटा लुक्खी प्रयास एकरा बूझि रहल छी। तथापि पाठकपर जरूरतसँ बेसी भरोस अछि, वएह ब्रह्म छथि। एहि पोथीमे कुल अठारहटा अध्याय अछि। अठारहो अध्यायमे विविध उपशीर्षक अंतर्गत सभटा शिक्षाशास्त्रीय अवधारणा, प्रयोग आ उपागमकेँ अपना दिससँ खोलबाक प्रयत्न केलहुँ अछि। पूर्वहि कहल जे भाषा शिक्षणक ई पहिल पोथी मैथिलीमे लिखल गेल अछि, पहिल पोथीक जे सभ कमी होइत अछि से एहिमे सेहो भेल होएत।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “BHASHA SHIKSHAN : MAITHILI”

Your email address will not be published. Required fields are marked *